मुख्यमंत्री भगवंत मान का सभी नगरों, महानगरों में शहीदों के स्मारक बनाने का फैसला बहुत अच्छा है। इसकी सर्वत्र सराहना की जा रही है। अमृतसर का शहीद बेटा मदनलाल ढींगरा सबको भूल गया था, जिसका 114 वर्ष बाद स्मारक बना। ऐसा नहीं होना चाहिए। भगवंत मान जी से मेरा यह कहना है कि दुर्गा भाभी, राम रखी, कैप्टन लक्ष्मी बाई सहगल, पार्वती देवी और रानी झांसी जैसी क्रांतिकारी महिलाओं के स्मारक पंजाब में बनाएं और स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी इनके नाम शामिल किए जाएं। कर्नाटक में जैसा रानी चनम्मा का स्मारक बना है वैसा ही पंजाब की वीर बेटियों के स्मारक पंजाब में बनाए जाएं। अच्छा तो यह रहेगा कि जो पंजाब के बेटे बेटियां देश के लिए शहीद हुए आजादी से पहले भी, आजादी की रक्षा के लिए स्वतंत्रता के बाद भी उन सबका जीवन चरित्र स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया जाए। आज भी देश की रक्षा के लिए सैन्य और अद्र्धसैन्य बलों के जो जवान देश के लिए बलिदान हो रहे हैं उनके स्मारक उनके गांव में बनें और सभी स्कूलों का नाम उन शहीदों के नाम पर रखा जाए जिस स्कूल या कालेज में उन्होंने शिक्षा पाई है। केवल मूर्तियां लगाना या नाम रखना काफी नहीं, उन शहीदों के बलिदान की गाथा भी सब देशवासियों को याद रहे, यह आवश्यक है।
लक्ष्मीकांता चावला