हर रोज नया सबक सिखाती है जिंदगी,
मुस्कुराने पे हर पल मुस्कुराती है जिंदगी।
वक्त से सीख लो बदल जाने का सबक,
मुफ़्त की ठोकरों से बचाती है जिंदगी।
एक ठोकर से टूट जाएं है रेत का महल,
मजबुतियों का अर्थ बताती है जिंदगी।
जीने का हुनर सीख लो फूलों को देखकर,
काँटों में कैसे खेलना सिखाती है जिंदगी।
उसकी नजर में कोई भी छोटा बड़ा नहीं,
इजहार -ए -मोहब्बत बताती है जिंदगी।
पड़ती है धूप सब पर बराबर सभी जगह,
समता का पाठ रोज पढ़ाती है जिंदगी।
तूँ मुझको भी एक बार आजमा कर देख,
तुझको बुलंदियों पर पहुंचाती है जिंदगी।
गा ले तराने खुशियों के तूँ मेरे साथ साथ,
हँस करके गले अपने लगाती है जिंदगी।
नाराज मत होना कभी तुम मुझसे रूठ कर,
सारा जहाँ को तेरा ही बनाती है जिंदगी।
कमल
जालंधर
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