रुकती नहीं कभी भी वक्त की रफ़्तार
ध्यान से समझना जरा वक्त की पुकार
हर पल सुना रहा है एक नई दास्तान
कर ले किसी से अब भी तू प्यार का इजहार
लम्हा जो निकल गया तो वापस न आएगा
हर लम्हा ऐसे बीते बन जाए यादगार
यह जो जिंदगी की गाड़ी चलती ही रहेगी
न बैठे-बैठे करना किसी का इंतजार
आना किसी के काम मुसीबत की घड़ी में
छा जाएगी फिर तेरे जीवन में भी बहार
नफरत का जिंदगी में कभी नाम भी न लें
चाहेंगे सभी दिल से तेरा देखकर व्यवहार
साथी बना ले सच्चा और दिल की बात कर
बस बोल कर बता दे जो दिल में है गुबार
छोटी सी मिली जिंदगी तो जीना सीख ले
कर ले किसी से प्यार यह है वक्त की पुकार
कमल
जालंधर
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