बाहों के उड़न खटोले में
थपकी देकर तुम्हें सुलाउँ,
दिल के ओ मेरे टुकड़े
आओ एक लोरी सुनाऊँ,
निंदिया रानी झटपट आना
सपनों में राजा के,
परियों के देश में ले जाकर
वहां की तुझको सैर कराऊँ।
मीठी लोरी सुन कर बेटा
गहरी नींद में तुम सो जाना,
सोने के एक राज महल में
धीरे धीरे अंदर जाना,
अनगिनत परियां स्वागत में
फूलों से वर्षा करती,
हिम्मत से कदम बढ़ा कर
आगे आगे बढ़ते जाना।
सोने के सिंहासन पर
बैठ कर हुकम चलाना,
सिर झुकाए फरियादी की
सुनकर व्यथा मिटाना,
दीन दुखी और पीड़ित जन की
बात गौर से सुनना,
चक्रवर्ती राजा बनकर के
प्रजा को सुख पहुंचाना।
जब मन हो तो आसमान पर
चांद से मिलकर आना,
दादी माँ चरखा है काते
पैरों को तुम छू आना,
नींद अगर टूटे तो फिर
गुस्से से मत तुम रोना,
फिर से तुम को लोरी गाके
सपनों में फिर पहुँचाना।
मीनाक्षी
जालंधर
Add Comment